अपनी प्राथमिकता निर्धारित करें
फ़ॉन्ट स्केलिंग
अप्राप्ति
पृष्ठ अनुमापन
अप्राप्ति
रंग समायोजन
भा.प्रौ.सं.कानपुर
  • घर
  • प्रेस विज्ञप्ति
  • अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और अत्याधुनिक पाठ्यक्रम की स्थापना के लिए आईआईएस कानपुर को आईआईटी कानपुर का मार्गदर्शन मिलेगा

अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और अत्याधुनिक पाठ्यक्रम की स्थापना के लिए आईआईएस कानपुर को आईआईटी कानपुर का मार्गदर्शन मिलेगा

IITK

अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और अत्याधुनिक पाठ्यक्रम की स्थापना के लिए आईआईएस कानपुर को आईआईटी कानपुर का मार्गदर्शन मिलेगा

कानपुर

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर और भारतीय कौशल संस्थान ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें आईआईटी कानपुर अगले पांच वर्षों के लिए भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) का मार्गदर्शन करेगा। शिक्षा मंत्री और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

हमारे माननीय प्रधान मंत्री ने भारत को दुनिया की कौशल-राजधानी बनाने का लक्ष्य रखा है। इस दृष्टिकोण को लागू करने के लिए हमें सबसे पहले एक अच्छी तरह से नियोजित तकनीकी वातावरण की आवश्यकता है ताकि यह प्रदर्शित किया जा सके कि उच्च कौशल वाले कार्य कैसे होते हैं, छात्रों को क्षेत्रों में सुधार हासिल करने के तरीकों को नेविगेट करने और पहचानने में मदद करने के लिए अनुभवी सलाहकार प्रदान करने की जरूरत और इन सबसे बढ़कर, क्षेत्र से संबंधित पेशेवरों के साथ नेटवर्किंग का माहौल बनाने की आवश्यकता है।

विकास के साथ तालमेल बनाए रखने और हमारे माननीय प्रधान मंत्री के "सबका साथ, सबका विकास - सबका विश्वास और सबका प्रयास" के निर्देश को क्रियान्वित करने के लिए हमें एक नया पुल बनाने की जरूरत है। जिसके लिए प्रौद्योगिकी के दो प्रमुख परिणाम - ज्ञान और कौशल को नए युग के माहौल के साथ तालमेल मिलाना चाहिए जिससे विशाल समूह को आधुनिक दुनिया के लिए प्रासंगिक कौशल हासिल करने लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच आसान हो सके, जबकि विद्वान लोगों को अपने ज्ञान का उपयोग ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र का विकास करने में करना चाहिए, जहां इसे हमारी सामाजिक आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के विकास के लिए लागू किया जा सके ।

कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के उद्देश्य के अनुरूप, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में रक्षा औद्योगिक गलियारे का समर्थन करने के लिए एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र के लिए स्थानीय युवाओं को सशक्त बनाने और तैयार करने के उद्देश्य से, आईआईएस ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया (DASI) के साथ भी समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया।

माननीय केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “आईआईटी कानपुर, भारतीय कौशल संस्थान कानपुर, एचएएल इंडिया और डसॉल्ट एयरक्राफ्ट सर्विसेज इंडिया के बीच यह सहयोग भारत के युवाओं को सशक्त बनाने और कौशल विकास के भविष्य को आकार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पहली बार शैक्षणिक संस्थान, कौशल संस्थान और उद्योग युवाओं को प्रमाणित करने और भविष्य को बेहतर बनाने के प्रयासों में तालमेल बिठाने के लिए एक साथ आ रहे हैं।''

भारतीय कौशल संस्थान के विचार की कल्पना माननीय प्रधान मंत्री ने सिंगापुर के तकनीकी शिक्षा संस्थान की अपनी यात्रा के दौरान की थी और IIS की स्थापना का निर्णय 24 अक्टूबर 2018 को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया था। कौशल विकास कार्यक्रम देश में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम होगा जो कौशल विकास के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं की एक श्रृंखला और मानदंड स्थापित करेगा।

आईआईटी कानपुर के कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर सुब्रमण्यम गणेश ने कहा, “आईआईटी कानपुर लगातार सामाजिक-आर्थिक असमानता की बाधा को तोड़ते हुए शिक्षा को अधिक सुलभ बनाने और उच्च कौशल प्रौद्योगिकी की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए प्रभावी बनाने का प्रयास करता है। अपने क्षितिज का विस्तार करने के एक अनूठे प्रयास में, हम भारतीय कौशल संस्थान को सलाह देने के प्रस्ताव पर सहमत हुए हैं। हम कम से कम पांच वर्षों के लिए आईआईएस का मार्गदर्शन करने का इरादा रखते हैं और आशा करते हैं कि सभी प्रयोगशालाएं स्थापित करने, कुशल जनशक्ति और प्रशिक्षण के लिए पाठ्यक्रम कार्यों को शामिल करने के बाद हम इसे आत्मनिर्भर बना लेंगे।“

प्रोफेसर बिशाख भट्टाचार्य, एचएएल, चेयर प्रोफेसर, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी कानपुर, जो आईआईटी कानपुर की टीम का नेतृत्व कर रहे हैं, ने कहा, “दुनिया भर में उद्योग में तेजी से प्रगति के साथ, कार्यबल और कर्मचारियों को कुशल बनाना बेहद महत्वपूर्ण है। हमारे देश के युवा रोबोटिक्स और ऑटोमेशन, एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग, एग्रीकल्चर 4.0: स्मार्ट फार्मिंग, एडवांस्ड डिफेंस टेक्नोलॉजी और हेल्थकेयर जैसी नए युग की तकनीकों की ओर बढ़ रहे हैं। यह एक अद्भुत अवसर है और हम आईआईएस को इसके प्रारंभिक वर्षों में अपना मार्गदर्शन प्रदान करते हुए प्रसन्न हैं।''

आईआईटी कानपुर, आईआईएस कानपुर में प्रयोगशाला बुनियादी ढांचे के विकास के मार्गदर्शन में शामिल होगा साथी ही प्रयोगशाला प्रणाली पर आधारित उपयुक्त पाठ्यक्रम विकसित करने, दो संस्थानों (आईआईटीके और आईआईएस) द्वारा अनुमोदित संयुक्त प्रमाणपत्र और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की पेशकश करने और आईआईटी कानपुर में सेंटर फॉर डीप-स्किल ट्रेनिंग एंड रिसर्च (सीडीएसटीएआर) के विकास में आईआईटी कानपुर सहायक होगा, जो आईआईएस कानपुर में प्रशिक्षण का पूरक होगा ।

अनुभवात्मक शिक्षा आगे बढ़ाने और आईआईएस और आईआईटीके के छात्रों के बीच कौशल और ज्ञान का मिश्रण बनाने के लिए, आईआईटी कानपुर के सीडीएसटीएआर में नॉइज़ एण्ड वाइब्रैशन लैब (एनवीएच) सहित कम से कम छह डीप-कौशल प्रयोगशालाएं, जिनमें एडवांस्ड कंट्रोल सिस्टम लैब (एसीएसएल), एडवांस्ड रोबोटिक्स लैब (एआरएल), सेमीकंडक्टर पैकेजिंग लैब (एसपीएल), मेडिकल इमेजिंग लैब (एमआईएल) और ड्रग एंड फार्मा लैब (डीपीएल) होंगी। आईआईटी कानपुर आईआईएस के कुशल पेशेवरों को आईआईटी कानपुर के एसआईआईसी और प्रौद्योगिकी पार्क में उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र में एकीकृत करेगा। आईआईटी कानपुर के संकाय सदस्य गहन कौशल प्रयोगशालाओं के साथ निर्बाध रूप से एकीकृत होंगे, औद्योगिक परामर्श लाएंगे और प्रणाली के आर्थिक रूप से व्यवहार्य संचालन का निर्माण करेंगे।

आईआईएस, कानपुर की आधारशिला 19 दिसंबर 2016 को माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखी गई थी। 16000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में इमारत अब एनएसटीआई परिसर में प्रयोगशाला विकास के लिए तैयार है। इस परिसर में मशीनिंग और विनिर्माण जैसी निम्नलिखित चार प्रमुख श्रेणियों के तहत कौशल विकास से संबंधित कम से कम 12 अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं होंगी: जिनमें संबंधित प्रयोगशालाएं एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी, वेल्डिंग और एनडीटी, सीएनसी मशीनिंग जैसे सबट्रैक्टिव विनिर्माण, ऑटोमोबाइल और सस्टैनबल अर्बन मोबिलिटी लैब; डिजिटल प्रौद्योगिकी: संबंधित प्रयोगशालाएँ डिजिटल ट्वीन और एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, औद्योगिक स्वचालन और रोबोटिक्स, मेक्ट्रोनिक्स, फ़िजिटल डिज़ाइन लैब; सूचना प्रौद्योगिकी: संबंधित प्रयोगशालाएँ बिल्डिंग मेटावर्स, साइबर-सुरक्षा और नेटवर्किंग लैब, स्मार्ट सिस्टम लैब, डेटा विश्लेषण लैब हैं; विशेष प्रयोजन प्रौद्योगिकी: स्मार्ट टेक्सटाइल प्रयोगशाला, चमड़ा प्रौद्योगिकी, कृषि 4.0 संबंधित प्रौद्योगिकी, ऑटोमोबाइल और सतत शहरी गतिशीलता प्रौद्योगिकी शामिल हैं ।

आईआईटी कानपुर के बारे में:

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर की स्थापना 2 नवंबर 1959 को संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी। संस्थान का विशाल परिसर 1055 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें 19 विभागों, 22 केंद्रों, इंजीनियरिंग, विज्ञान, डिजाइन, मानविकी और प्रबंधन विषयों में 3 अंतःविषय कार्यक्रमों में फैले शैक्षणिक और अनुसंधान संसाधनों के बड़े पूल के साथ 570 से अधिक पूर्णकालिक संकाय सदस्य और लगभग 9000 छात्र हैं । औपचारिक स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अलावा, संस्थान उद्योग और सरकार दोनों के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास में सक्रिय रहता है।

अधिक जानकारी के लिए www.iitk.ac.in पर विजिट करें